शतरंज की चाल चलकर महापौर-सभापति ने किया जिला चैंपियनशिप का शुभारंभ
शतरंज की चाल चलकर महापौर-सभापति ने किया जिला चैंपियनशिप का शुभारंभ
छत्तीसगढ़ संवाददाता
दुर्ग, 28 जून। छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के निर्देशन में जिला शतरंज संघ द्वारा नगर निगम के सहयोग से स्वामी विवेकानंद भवन में दो दिवसीय दुर्ग जिला सीनियर, महिला एवं सब जूनियर अंडर 15 बालक एवं बालिका वर्ग शतरंज चैंपियनशिप का भव्य उद्घाटन महापौर अल्का बाघमार के के मुख्य आतिथ्य एवं श्याम शर्मा की अध्यक्षता में किया गया।
विशेष अतिथि के रूप में समाजसेवी कैलाश जैन बरमेचा ,साहित्यकार डॉ रौनक जमाल, पार्षद एवं एमआईसी सदस्य ज्ञानेश्वर ताम्रकार,सामाजिक कार्यकता जितेन्द्र सिंह राजपूत, इंटरनेशनल आर्बिटर अलंकार भिवगड़े उपस्थित थे। संघ के अध्यक्ष ईश्वर सिंह राजपूत एवं सचिव तुलसी सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पर्धा में जिले के कुल 132 खिलाडिय़ों ने भाग लिया है।
मुख्य अतिथि महापौर अल्का बाघमार ने उपस्थित खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन आज के समय में बच्चों की मानसिक स्थिति के लिए बेहतर प्रयास है,आज मोबाइल के युग में बच्चों की मानसिक स्थिति में गिरावट देखी गई है ऐसे में आयोजन से बच्चों की मानसिक स्थिति को बढ़ाने में सहायक होगा। शतरंज खेलने से बौद्धिक विकास के साथ-साथ बच्चे अपने करियर को ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
दुर्ग, 28 जून। छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के निर्देशन में जिला शतरंज संघ द्वारा नगर निगम के सहयोग से स्वामी विवेकानंद भवन में दो दिवसीय दुर्ग जिला सीनियर, महिला एवं सब जूनियर अंडर 15 बालक एवं बालिका वर्ग शतरंज चैंपियनशिप का भव्य उद्घाटन महापौर अल्का बाघमार के के मुख्य आतिथ्य एवं श्याम शर्मा की अध्यक्षता में किया गया।
विशेष अतिथि के रूप में समाजसेवी कैलाश जैन बरमेचा ,साहित्यकार डॉ रौनक जमाल, पार्षद एवं एमआईसी सदस्य ज्ञानेश्वर ताम्रकार,सामाजिक कार्यकता जितेन्द्र सिंह राजपूत, इंटरनेशनल आर्बिटर अलंकार भिवगड़े उपस्थित थे। संघ के अध्यक्ष ईश्वर सिंह राजपूत एवं सचिव तुलसी सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पर्धा में जिले के कुल 132 खिलाडिय़ों ने भाग लिया है।
मुख्य अतिथि महापौर अल्का बाघमार ने उपस्थित खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन आज के समय में बच्चों की मानसिक स्थिति के लिए बेहतर प्रयास है,आज मोबाइल के युग में बच्चों की मानसिक स्थिति में गिरावट देखी गई है ऐसे में आयोजन से बच्चों की मानसिक स्थिति को बढ़ाने में सहायक होगा। शतरंज खेलने से बौद्धिक विकास के साथ-साथ बच्चे अपने करियर को ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते हैं।