ओडिशा में गरीबी का दंश झेल रहा आदिवासी समुदाय- लता उसेंडी
ओडिशा में गरीबी का दंश झेल रहा आदिवासी समुदाय- लता उसेंडी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोंडागांव, 23 मई। ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी की सह प्रभारी बनने के बाद लगातार लता उसेंडी भाजपा के पक्ष में प्रचार कर सरकार बनाने जी तोड मेहनत कर रही हैं। लता उसेंडी ने एक विज्ञप्ति जारी कर ओडिशा सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है।
लता उसेंडी ने कहा कि ओडिशा सरकार अपने राज्य की गरीब जनता के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। लंबे समय से बीजेडी की सरकार आसीन हैं जो ओडिशा की जनता के भरोसे के साथ धोखा किया है । क्योंकि कई महीनों से ओडिशा में डिजिटल हस्ताक्षर से चल रहा है और तो और जगन्नाथ रथ मंदिर का चाबी भी खो जाना और उनके निज सचिव पाडियन की नजर ओडिशा के खजाने पर है, यही मुख्यमंत्री की निष्क्रियता का सबसे बड़ा उदाहरण है। ये दंश ओडिशा की जनता झेल रही है, इसलिए ओडिशा में एक ओडिशा का व्यक्ति और ओडिय़ा बोलने वाला ओडिय़ा समझने वाला मुखिया चाहिए, जो भाजपा ही दे सकती हैं इसलिए इस बार भाजपा की सरकार बनना तय है। ओडिशा का आदिवासी समुदाय आज भी विकास की चकाचौंध से कोसों दूर है।
लता उसेंडी ने कहा कि भाजपा ने एक आदिवासी महिला को देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठाकर, देश के पूरे आदिवासी समाज को गौरवान्वित किया, वहीं दूसरी तरफ ओडिशा में मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय को गरीबी का दंश झेलने के लिए छोड़ दिया है ।
इस कृत्य के लिए ओडिशा की जनता मुख्यमंत्री को कभी माफ नहीं करेगी। जनता इस विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जिताने का मन बना चुकी है ।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोंडागांव, 23 मई। ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी की सह प्रभारी बनने के बाद लगातार लता उसेंडी भाजपा के पक्ष में प्रचार कर सरकार बनाने जी तोड मेहनत कर रही हैं। लता उसेंडी ने एक विज्ञप्ति जारी कर ओडिशा सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है।
लता उसेंडी ने कहा कि ओडिशा सरकार अपने राज्य की गरीब जनता के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। लंबे समय से बीजेडी की सरकार आसीन हैं जो ओडिशा की जनता के भरोसे के साथ धोखा किया है । क्योंकि कई महीनों से ओडिशा में डिजिटल हस्ताक्षर से चल रहा है और तो और जगन्नाथ रथ मंदिर का चाबी भी खो जाना और उनके निज सचिव पाडियन की नजर ओडिशा के खजाने पर है, यही मुख्यमंत्री की निष्क्रियता का सबसे बड़ा उदाहरण है। ये दंश ओडिशा की जनता झेल रही है, इसलिए ओडिशा में एक ओडिशा का व्यक्ति और ओडिय़ा बोलने वाला ओडिय़ा समझने वाला मुखिया चाहिए, जो भाजपा ही दे सकती हैं इसलिए इस बार भाजपा की सरकार बनना तय है। ओडिशा का आदिवासी समुदाय आज भी विकास की चकाचौंध से कोसों दूर है।
लता उसेंडी ने कहा कि भाजपा ने एक आदिवासी महिला को देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठाकर, देश के पूरे आदिवासी समाज को गौरवान्वित किया, वहीं दूसरी तरफ ओडिशा में मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय को गरीबी का दंश झेलने के लिए छोड़ दिया है ।
इस कृत्य के लिए ओडिशा की जनता मुख्यमंत्री को कभी माफ नहीं करेगी। जनता इस विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जिताने का मन बना चुकी है ।