सद्गगुरु ने मां-बाप से कहा- बच्चों को गुलाम बनाना बंद करो, खुश रहने का मौका तो दो
सद्गगुरु ने मां-बाप से कहा- बच्चों को गुलाम बनाना बंद करो, खुश रहने का मौका तो दो
अगर आप पेरेंट हैं, तो आप इस बात को अच्छे से समझते होंगे कि बच्चों की परवरिश करना आसान काम नहीं है और इस जर्नी में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बच्चों का पालन-पोषण करने में कई बार पेरेंट्स मोटिवेशनल स्पीकर और एक्सपर्ट्स की सलाह मांगते हैं। अगर आपको भी बच्चों की परवरिश में सही मार्गदर्शन की जरूरत है, तो सद्गुरु इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
सद्गुरु ने अपनी एक स्पीच में बताया है कि पेरेंट्स को अपने बच्चों के साथ कैसे पेश आना चाहिए और उनकी परवरिश में क्या-क्या करना चाहिए। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बच्चों के पालन-पोषण को लेकर सद्गुरु क्या कहते हैं।बच्चों के साथ पेरेंट्स का क्वालिटी टाइम बिताना बहुत जरूरी है। परिवार के साथ बैठकर खाना खाएं, हफ्ते में एक बार कहीं बाहर घूमने जाएं।। इससे बच्चों को एहसास होता है कि आप उनसे प्यार करते हैं और उनकी हर मुश्किल में उनका साथ देंगे। जिन बच्चों को ये एहसास हो जाता है, वे अपने जीवन में खुश और आतमविश्वास से भरपूर रहते हैं।बच्चे अपने माता-पिता की नजरों से खुद को देखते हैं। वो कैसे बात करते हैं, उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है, ये सब बच्चे बड़ी बारीकी से देखते हैं। एक पेरेंट के तौर पर आपके शब्द और एक्शन बच्चे के आत्म-सम्मान को बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु का कहना है कि जिंदगी जीने का मतलब सिर्फ पैसे कमाना ही नहीं है। आप जो काम करना पसंद करते हैं या जिससे आपको खुशी मिलती है, उस काम को करने से भी जिंदगी में संतुष्टि को पाया जा सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपनी लाइफ में खुश रहे, तो आप उसके ऊपर करियर बनाने और पैसे कमाने का बोझ न डालें बल्कि उसके पैशन और सपनों को उड़ान दें।सद्गुरु का कहना है कि मां-बाप अपने बच्चे के पीछे भागते रहते हैं कि उसे काम करना है, अपनी लाइफ में कुछ बनना है, पैसे कमाने हैं, सुबह जल्दी उठना है। अगर बच्चा वो काम करे, तो उसे पसंद है, तो उसे ऐसी जिंदगी नहीं जीनी पड़ेगी। पेरेंट्स ने अपने साथ तो ये सब किया ही है, अब वो अगली जेनरेशन के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं।सद्गुरु ने मां-बाप को यह सलाह दी कि उन्हें अपने बच्चे को गुलाम नहीं बनाना चाहिए। ऐसा कर के वो अपने बच्चे की जिंदगी खराब कर रहे हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुश रहे और विकास करे एवं अपनी जिंदगी में आगे बढ़े, तो आपको उसे गुलाम बनाने की अपनी तमाम कोशिशें छोड़ देनी चाहिए
अगर आप पेरेंट हैं, तो आप इस बात को अच्छे से समझते होंगे कि बच्चों की परवरिश करना आसान काम नहीं है और इस जर्नी में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बच्चों का पालन-पोषण करने में कई बार पेरेंट्स मोटिवेशनल स्पीकर और एक्सपर्ट्स की सलाह मांगते हैं। अगर आपको भी बच्चों की परवरिश में सही मार्गदर्शन की जरूरत है, तो सद्गुरु इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
सद्गुरु ने अपनी एक स्पीच में बताया है कि पेरेंट्स को अपने बच्चों के साथ कैसे पेश आना चाहिए और उनकी परवरिश में क्या-क्या करना चाहिए। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बच्चों के पालन-पोषण को लेकर सद्गुरु क्या कहते हैं।बच्चों के साथ पेरेंट्स का क्वालिटी टाइम बिताना बहुत जरूरी है। परिवार के साथ बैठकर खाना खाएं, हफ्ते में एक बार कहीं बाहर घूमने जाएं।। इससे बच्चों को एहसास होता है कि आप उनसे प्यार करते हैं और उनकी हर मुश्किल में उनका साथ देंगे। जिन बच्चों को ये एहसास हो जाता है, वे अपने जीवन में खुश और आतमविश्वास से भरपूर रहते हैं।बच्चे अपने माता-पिता की नजरों से खुद को देखते हैं। वो कैसे बात करते हैं, उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है, ये सब बच्चे बड़ी बारीकी से देखते हैं। एक पेरेंट के तौर पर आपके शब्द और एक्शन बच्चे के आत्म-सम्मान को बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु का कहना है कि जिंदगी जीने का मतलब सिर्फ पैसे कमाना ही नहीं है। आप जो काम करना पसंद करते हैं या जिससे आपको खुशी मिलती है, उस काम को करने से भी जिंदगी में संतुष्टि को पाया जा सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपनी लाइफ में खुश रहे, तो आप उसके ऊपर करियर बनाने और पैसे कमाने का बोझ न डालें बल्कि उसके पैशन और सपनों को उड़ान दें।सद्गुरु का कहना है कि मां-बाप अपने बच्चे के पीछे भागते रहते हैं कि उसे काम करना है, अपनी लाइफ में कुछ बनना है, पैसे कमाने हैं, सुबह जल्दी उठना है। अगर बच्चा वो काम करे, तो उसे पसंद है, तो उसे ऐसी जिंदगी नहीं जीनी पड़ेगी। पेरेंट्स ने अपने साथ तो ये सब किया ही है, अब वो अगली जेनरेशन के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं।सद्गुरु ने मां-बाप को यह सलाह दी कि उन्हें अपने बच्चे को गुलाम नहीं बनाना चाहिए। ऐसा कर के वो अपने बच्चे की जिंदगी खराब कर रहे हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुश रहे और विकास करे एवं अपनी जिंदगी में आगे बढ़े, तो आपको उसे गुलाम बनाने की अपनी तमाम कोशिशें छोड़ देनी चाहिए