ग़ज़ा के समर्थन में नामांकित लेखकों के नाम वापस लेने के बाद पेन अमेरिका अवॉर्ड समारोह रद्द
ग़ज़ा के समर्थन में नामांकित लेखकों के नाम वापस लेने के बाद पेन अमेरिका अवॉर्ड समारोह रद्द
ग़ज़ा में जारी जंग के विरोध में दर्जनों नॉमिनेटेड लेखकों के नाम वापस लेने के बाद साहित्य से जुड़े समूह पेन अमेरिका ने अपने सालाना पुरस्कार समारोह को रद्द कर दिया है.
अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए प्रतिबद्ध इस समूह ने सोमवार को अगले सप्ताह होने वाले समारोह को रद्द किए जाने का एलान किया है.
पेन अमेरिका के लिए नामांकित 10 में से नौ लेखकों ने इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया था. इन लेखकों का कहना है कि समूह फ़लस्तीनी लेखकों को कथित तौर पर उचित मदद नहीं दे पा रहा है.
ये मामला ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिका में ग़ज़ा के समर्थन में आंदोलन तेज़ हो रहे हैं.
समूह की ओर से बताया गया है कि पुरस्कार के लिए नामांकित 61 लेखकों और अनुवादकों में से 28 ने अपनी किताबों के नाम वापस ले लिए हैं.
पेन ग्रुप की सीईओ सुज़ैन नोसेल ने कहा, ये एक प्रिय कार्यक्रम है और इसमें बहुत ज़्यादा काम किया गया है. इसलिए हम सभी को इस नतीजे पर अफसोस है. लेकिन आख़िरकार यही फ़ैसला हुआ है कि जिस तरह से उम्मीद और योजना बनाई गई थी, उस तरह से उत्सव मनाना संभव नहीं हो पाया.
पेन अमेरिका के लिटररी प्रोग्रामिंग चीफ़ ऑफ़िसर क्लारिस रोसाज़ शारीफ़ ने कहा, हम इस बात का बहुत सम्मान करते हैं कि लेखकों ने अपने मन की आवाज़ सुनी है कि उन्हें नॉमिनेशन में बने रहना है या नहीं.(bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में जारी जंग के विरोध में दर्जनों नॉमिनेटेड लेखकों के नाम वापस लेने के बाद साहित्य से जुड़े समूह पेन अमेरिका ने अपने सालाना पुरस्कार समारोह को रद्द कर दिया है.
अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए प्रतिबद्ध इस समूह ने सोमवार को अगले सप्ताह होने वाले समारोह को रद्द किए जाने का एलान किया है.
पेन अमेरिका के लिए नामांकित 10 में से नौ लेखकों ने इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया था. इन लेखकों का कहना है कि समूह फ़लस्तीनी लेखकों को कथित तौर पर उचित मदद नहीं दे पा रहा है.
ये मामला ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिका में ग़ज़ा के समर्थन में आंदोलन तेज़ हो रहे हैं.
समूह की ओर से बताया गया है कि पुरस्कार के लिए नामांकित 61 लेखकों और अनुवादकों में से 28 ने अपनी किताबों के नाम वापस ले लिए हैं.
पेन ग्रुप की सीईओ सुज़ैन नोसेल ने कहा, ये एक प्रिय कार्यक्रम है और इसमें बहुत ज़्यादा काम किया गया है. इसलिए हम सभी को इस नतीजे पर अफसोस है. लेकिन आख़िरकार यही फ़ैसला हुआ है कि जिस तरह से उम्मीद और योजना बनाई गई थी, उस तरह से उत्सव मनाना संभव नहीं हो पाया.
पेन अमेरिका के लिटररी प्रोग्रामिंग चीफ़ ऑफ़िसर क्लारिस रोसाज़ शारीफ़ ने कहा, हम इस बात का बहुत सम्मान करते हैं कि लेखकों ने अपने मन की आवाज़ सुनी है कि उन्हें नॉमिनेशन में बने रहना है या नहीं.(bbc.com/hindi)