अनोखी रस्म: 68 वर्षों से भक्त यहां करते आ रहे भगवान के आभूषणों की चोरी
अनोखी रस्म: 68 वर्षों से भक्त यहां करते आ रहे भगवान के आभूषणों की चोरी
मद्देड़ में जयश्रीराम के लगते हैं नारे, आज से जुटेगी हजारों भक्तों की भीड़
मो. इमरान खान
भोपालपटनम, 15 अप्रैल (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में बसे मद्देड़ गांव में 50 दशक से जयश्रीराम के नारे लगाए जा रहे हैं।
रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम व माँ सीता के विवाह कार्यक्रम में हजारो की तादात में श्रद्धालु इक_ा होते हैं। मद्देड़ में 1956 से लगने वाले इस मेले पूरे गांव का माहौल भक्तिमय हो जाता है। भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त इक_ा होते हंै।
पांच दिन के चलने वाले इस कार्यक्रम में मंगलवार को मंडप का कार्यक्रम किया जाएगा। बुधवार को श्रीराम व सीता के मूर्तियों की शादी रचाई जाएगी भोज का कार्यक्रम भी रखा जाएगा। गुरुवार को शोभायात्रा निकलेगी। शुक्रवार को फूलरथ परिक्रमा कार्यक्रम किया जाएगा।
शनिवार को आभूषण हरण किया जाएगा। रविवार को नागवेल्ली का कार्यक्रम और सोमवार को वसंत सेवा मंगलवार को हनुमान जन्म उत्सव के साथ मेले का समापन किया जाता है।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विधि विधान स्वरूप विवाह राम मंदिर पुजारी वीरेंद्र त्रिपाठी के द्वारा सारी रश्म अदा की जाएगी।
अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद इस वर्ष मद्देड़ ग्राम में बड़े धूमधाम से भक्तिमय माहौल रहा है, वहीं इस रामनवमी मेले के दिन हजारों श्रद्धालु तेलंगाना, महाराष्ट्र से पहुंचे, वहीं बीजापुर जिले के सभी ब्लॉक के भक्तगण इस आयोजन में शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि यह कार्यक्रम पांच दिनों तक चलता है और रामनवमी के दिन राम सीता का विवाह के बाद संपन्न होगा। मंदिर से लगे रोड किनारे मेला लगाया जाता है वह सभी तरह की दुकानें लगाई जाती है दर्शन के लिए आए भक्त मेले में खरीदारी करते हैं।
1956 में रामनवमी मेले की शुरूआत
मद्देड़ के स्थानीय लोगों ने 1956 से मेले की शुरुआत की है । स्व सुखदेव भट्टड़, स्व हरिशंकर तिवारी, स्व चित्तापूरी नागभूषण, स्व पी.नागैया, स्व अमर चंद सोनी,स्व राधाकृष्ण लाहोटी, स्व पी चन्देया, स्व कसोजी लक्ष्मीनारायण, स्व पी. राघवेंद्र राव, स्व ईश्वरोज सत्यनारायण, के द्वारा सन उन्नीस सौ छप्पन में मेले की शुरुआत की थी उन दिनों में मेले की अलग रौनक हुआ करती थी क्योंकि इस ब्लॉक में सबसे पहले यही मेले की शुरुआत हुई थी।
दशहरा के दिन स्व सुखदेव भट्टड़ के यह से आता है हनुमानजी का ध्वज। आसपास के ग्रामीण मेले के आयोजन सम्मिलित होते थे उसके बाद धीरे-धीरे तेलंगाना महारष्ट्र से व्यापारी और भक्त आने लगे व्यापारी अपनी दुकानें लेकर व्यापार करने आते थे।
भगवान के आभूषणों की चोरी की रस्म
यहां 5 दिनों तक लगे मेला में अष्टमी के दिन भगवान राम व माता सीता की सगाई की रश्म होगी। इसी कड़ी में रामनवमी के दिन विवाह पूरे विधि विधान से सम्पन्न होगा। यही नहीं दो दिन बाद भगवान के आभूषण चोरी की रस्म होगी एवं पांच दिनों तक शोभायात्रा निकाली जायेगी।
सीताराम शिवालय समिति ने लाई मूर्तियां
तेलंगाना के करीमनगर से सीताराम शिवालय समिति के द्वारा सन 2017 में मूर्तिया लाई गई थी,नए मूर्तियों विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा किया गया।उससे पहले वह पत्थर की मूर्ति रखी हुई थी समिति के द्वारा भगवान श्रीराम सीता माता व लक्ष्मण भगवान की मूर्तियां लाई है।
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के बाद भक्तों में उत्साह
कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या राम मंदिर की शुरुआत हुई, उसके बाद से यह भक्तों में एक अलग सा उत्साह देखने को मिला। जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन यहां भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। जुलूस व घरों में भगवान राम की भक्ति में पूरा ग्राम केसरिया हो गया था। इस आयोजन में टी.नवीन, पी. सचिन,राहुल,मनीष, श्याम बाबू, पी जुगल, मनोज कसोजी, जैन राजू, ई रमेश, सूरज , मिथलेश, आशीष , बी सचिन, ग्रामवासियों का सहयोग रहा।
समिति के संरक्षक चित्तापूरी पुरषोत्तम ने बताया कि 68 सालों से मद्देड़ में मेले का आयोजन होता आ रहा है। यहाँ तीन राज्यो से व्यापारी आते है, अभी से दुकानें लगना शुरू हो रहा है। इस वर्ष लोकसभा चुनाव के चलते कुछ दुकानें कम आ सकती है।
सीताराम शिवालय समिति मद्देड़ के संरक्षक परमानंद भट्टड़ ने बताया कि यह मेला काफी साल पुराना है। हमारे गांव के बुजुर्गों ने मेले की शुरुआत की है, तब से यह मेला सजाया जा रहा है।
पी. सुशील ग्राम पटेल का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भगवान राम का बोलबाला हो गया है प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह भक्तों में अलग सा उत्साह देखने को मिला है ।भगवान के प्रति लोगो का भक्ति आने लगी है, इस वर्ष मेले में अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है।
समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बताया कि बुजुर्गों से लेकर आज तक समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार का काम हुआ है। मंदिर में आज अलग सी रौनक है। भक्त रोज आकर माथा टेकते हंै।
मद्देड़ में जयश्रीराम के लगते हैं नारे, आज से जुटेगी हजारों भक्तों की भीड़
मो. इमरान खान
भोपालपटनम, 15 अप्रैल (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में बसे मद्देड़ गांव में 50 दशक से जयश्रीराम के नारे लगाए जा रहे हैं।
रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम व माँ सीता के विवाह कार्यक्रम में हजारो की तादात में श्रद्धालु इक_ा होते हैं। मद्देड़ में 1956 से लगने वाले इस मेले पूरे गांव का माहौल भक्तिमय हो जाता है। भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त इक_ा होते हंै।
पांच दिन के चलने वाले इस कार्यक्रम में मंगलवार को मंडप का कार्यक्रम किया जाएगा। बुधवार को श्रीराम व सीता के मूर्तियों की शादी रचाई जाएगी भोज का कार्यक्रम भी रखा जाएगा। गुरुवार को शोभायात्रा निकलेगी। शुक्रवार को फूलरथ परिक्रमा कार्यक्रम किया जाएगा।
शनिवार को आभूषण हरण किया जाएगा। रविवार को नागवेल्ली का कार्यक्रम और सोमवार को वसंत सेवा मंगलवार को हनुमान जन्म उत्सव के साथ मेले का समापन किया जाता है।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विधि विधान स्वरूप विवाह राम मंदिर पुजारी वीरेंद्र त्रिपाठी के द्वारा सारी रश्म अदा की जाएगी।
अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद इस वर्ष मद्देड़ ग्राम में बड़े धूमधाम से भक्तिमय माहौल रहा है, वहीं इस रामनवमी मेले के दिन हजारों श्रद्धालु तेलंगाना, महाराष्ट्र से पहुंचे, वहीं बीजापुर जिले के सभी ब्लॉक के भक्तगण इस आयोजन में शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि यह कार्यक्रम पांच दिनों तक चलता है और रामनवमी के दिन राम सीता का विवाह के बाद संपन्न होगा। मंदिर से लगे रोड किनारे मेला लगाया जाता है वह सभी तरह की दुकानें लगाई जाती है दर्शन के लिए आए भक्त मेले में खरीदारी करते हैं।
1956 में रामनवमी मेले की शुरूआत
मद्देड़ के स्थानीय लोगों ने 1956 से मेले की शुरुआत की है । स्व सुखदेव भट्टड़, स्व हरिशंकर तिवारी, स्व चित्तापूरी नागभूषण, स्व पी.नागैया, स्व अमर चंद सोनी,स्व राधाकृष्ण लाहोटी, स्व पी चन्देया, स्व कसोजी लक्ष्मीनारायण, स्व पी. राघवेंद्र राव, स्व ईश्वरोज सत्यनारायण, के द्वारा सन उन्नीस सौ छप्पन में मेले की शुरुआत की थी उन दिनों में मेले की अलग रौनक हुआ करती थी क्योंकि इस ब्लॉक में सबसे पहले यही मेले की शुरुआत हुई थी।
दशहरा के दिन स्व सुखदेव भट्टड़ के यह से आता है हनुमानजी का ध्वज। आसपास के ग्रामीण मेले के आयोजन सम्मिलित होते थे उसके बाद धीरे-धीरे तेलंगाना महारष्ट्र से व्यापारी और भक्त आने लगे व्यापारी अपनी दुकानें लेकर व्यापार करने आते थे।
भगवान के आभूषणों की चोरी की रस्म
यहां 5 दिनों तक लगे मेला में अष्टमी के दिन भगवान राम व माता सीता की सगाई की रश्म होगी। इसी कड़ी में रामनवमी के दिन विवाह पूरे विधि विधान से सम्पन्न होगा। यही नहीं दो दिन बाद भगवान के आभूषण चोरी की रस्म होगी एवं पांच दिनों तक शोभायात्रा निकाली जायेगी।
सीताराम शिवालय समिति ने लाई मूर्तियां
तेलंगाना के करीमनगर से सीताराम शिवालय समिति के द्वारा सन 2017 में मूर्तिया लाई गई थी,नए मूर्तियों विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा किया गया।उससे पहले वह पत्थर की मूर्ति रखी हुई थी समिति के द्वारा भगवान श्रीराम सीता माता व लक्ष्मण भगवान की मूर्तियां लाई है।
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के बाद भक्तों में उत्साह
कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या राम मंदिर की शुरुआत हुई, उसके बाद से यह भक्तों में एक अलग सा उत्साह देखने को मिला। जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन यहां भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। जुलूस व घरों में भगवान राम की भक्ति में पूरा ग्राम केसरिया हो गया था। इस आयोजन में टी.नवीन, पी. सचिन,राहुल,मनीष, श्याम बाबू, पी जुगल, मनोज कसोजी, जैन राजू, ई रमेश, सूरज , मिथलेश, आशीष , बी सचिन, ग्रामवासियों का सहयोग रहा।
समिति के संरक्षक चित्तापूरी पुरषोत्तम ने बताया कि 68 सालों से मद्देड़ में मेले का आयोजन होता आ रहा है। यहाँ तीन राज्यो से व्यापारी आते है, अभी से दुकानें लगना शुरू हो रहा है। इस वर्ष लोकसभा चुनाव के चलते कुछ दुकानें कम आ सकती है।
सीताराम शिवालय समिति मद्देड़ के संरक्षक परमानंद भट्टड़ ने बताया कि यह मेला काफी साल पुराना है। हमारे गांव के बुजुर्गों ने मेले की शुरुआत की है, तब से यह मेला सजाया जा रहा है।
पी. सुशील ग्राम पटेल का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भगवान राम का बोलबाला हो गया है प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह भक्तों में अलग सा उत्साह देखने को मिला है ।भगवान के प्रति लोगो का भक्ति आने लगी है, इस वर्ष मेले में अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है।
समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बताया कि बुजुर्गों से लेकर आज तक समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार का काम हुआ है। मंदिर में आज अलग सी रौनक है। भक्त रोज आकर माथा टेकते हंै।